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सोचता हूं में तेरे बारे में ही पल पल कभी सुबह कभी

सोचता हूं में तेरे बारे में ही पल पल
कभी सुबह कभी शाम बनकर 
मिलेगी तो दे दूंगा ढेर सारे खिलाने तुमको 
फिर मत कहना के कुछ दिया नही मुझको
में आऊंगा तेरे सपने में श्याम बनकर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela सोचता हूं में तेरे बारे में ही पल पल
कभी सुबह कभी शाम बनकर 
मिलेगी तो दे दूंगा ढेर सारे खिलाने तुमको 
फिर मत कहना के कुछ दिया नही मुझको
में आऊंगा तेरे सपने में श्याम बनकर

सोचता हूं में तेरे बारे में ही पल पल कभी सुबह कभी शाम बनकर मिलेगी तो दे दूंगा ढेर सारे खिलाने तुमको फिर मत कहना के कुछ दिया नही मुझको में आऊंगा तेरे सपने में श्याम बनकर #ValentineDay

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