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आज भी आती हो जब तुम ख़यालों में, मेरे मेरा जी धक

आज भी आती हो जब तुम ख़यालों में,
 
मेरे मेरा जी धक धक कर धड़कने लगता है 
 
पागल सी थिरकती हैं आंखों की पुतलियां

 मन फिर से उन शामों को तरसने लगता है

बारिश की बूंदों सी गिरती हैं यादेंतेरी हर पल 

तेरे मफलर से तन ढकने का दिल करता है 

शराबी सी ढूंढती उंगलिया तुझे उसके तल

 मन फिर से उन्हीं शामों को तरसने लगता है

©FT by Rj Vikas Sharma
  Didicated By College ki Love Story .
#Love #love❤ #Life #Life_experience

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