White तुम हमारे हो, हम ने हद्द ए गुमाँ न किया बात दिल में रही और कभी बयाँ न किया फ़क़त के उम्मीद के चिराग़ों जलाए रखा ख़ाक हो गए, हम ने धुआँ धुआँ न किया तबियत थी नहीं कि, आज तुम्हें याद करें भूल जाने का मगर हमने हौसला न किया यह ज़रूरी तो नहीं था निभाई जाए हमसे होके रुसवा कभी तुमसे फ़ासिला न किया अब ये बात और है वो हिमाक़त थी हमारी इश्क़ की इबादत तो की,तुम्हें ख़ुदा न किया ज़िन्दगी है तो फिर हादसे भी होते ही रहेंगे तुमने कसमें न उठाई हमने वायदा न किया तल्ख़ियों में तख़य्युल में कोफ़्त में या तंज़ में किसी भी हाल में हमने तुम्हें रुसवा न किया ©Lalit Saxena #sad_shayari शेरो शायरी