हुज़ूर ज़रा निगाहों से अश्क का नकाब तो हटा के तो देखें, ऐतबार करना इतना मुश्किल भी नहीं। ज़रा किसी को अपने करीब ला के तो देखें, प्यार करना इतना मुश्किल भी नहीं। ज़रा किसी को अपना बना के तो देखें, अपनाना इतना मुश्किल भी नहीं। ज़रा किसी को अपने दिल में बसाके तो देखें, दिल लगाना इतना मुश्किल भी नहीं। ज़रा किसी का हाथ थाम के तो देखें, हमसफ़र बनाना इतना मुश्किल भी नहीं । जितना नज़र आता है। ज़रा