मदारी दिखा रहा है खेल मदारी उसके संग जमूरा दोनों में से एक न हो तो खेल न होगा पूरा करता है संकेत मदारी करे जमूरा पालन नाच रहा सर्वत्र जमूरा जैसे हो संचालन देख रही है सारी दुनिया उसका खेल तमाशा मनोरंजन भरपूर करेगा सबके मन में आशा किसी का मन हर्षित है कोई मन में हुआ निराश सबको खुश कर सके जमूरा कला न उसके पास विवश जमूरा अपनी इच्छा से न कुछ कर सकता उसे मदारी बहुत नाचता कितना भी वो थकता कहे जमूरा दुनिया वालों तुम भी मेरे जैसे ईश्वर नचा रहा है सबको जब भी चाहे जैसे खेल पूर्ण होते ही मदारी ले जाएगा धाम थके जमूरा को वो देगा बेखुद तब आराम ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #मदारी