बाहों में तुम्हें भर के सनम,"है जन्नत नसीब हुई तन मन एक हुआ,"रूह के रूह करीब हुई होठों को मुझे छूने दो,"ना ऐसे घबराओ तुम मेरे पास आओ,"ना ऐसे दूर जाओ ©BALJEET SINGH MAHLA तुम मेरे पास आओ Bhawana Mehra Sarla singh