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ख़याल ------ उनकी मुस्कुराहट में खुशियों की आहट छु

ख़याल
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उनकी मुस्कुराहट में खुशियों की आहट छुपी है इशारों में जैसे बेशुमार चाहत बसी है

उनके दिल में ख़्वाहिशें दबी है एक अर्से बाद इन्हें जीने की बेपनाह हसरत जगी है

उनके दर्द-ओ-ग़म वक़्त के साथ अश्क़ों में धुली है तपती धूप में जैसे कोई बच्ची बिन अपनों के पली है

उनके हुस्न और हुनर के नूर से पूरी दुनिया जली है बगिया में खिली जैसे कोई गुलाब की कली है

मनीष राज

©Manish Raaj
  #ख़याल