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बिन दस्तक कोई दरीचा झाँक कर तो देखे, दायरा बडा़ है

बिन दस्तक कोई दरीचा झाँक कर तो देखे,
दायरा बडा़ है, कोई नांग कर तो देखे।

रंग, फ़न और ज़मीं के तो कर दिए हैं टुकडे़,
कोई लकीर आसमान पर खींच कर तो देखे।

गरजते हैं, भड़कते हैं, शरार-औ'-अब्र हों जैसे,
कभी एक बूंद, समंदर पर बरस कर तो देखे।

बडी़ बेअदब हो जाती हैं जु़बानें ज़माने की,
वो दिया मशाल बन जाएगा,कोई बेबाक फूँक कर तो देखे।

लोग कहते हैं, चाँद से फिसल कर खुदकुशी की उसने,
आँखें खुली रही रात भर, उस लाश को कोई झाँक कर तो देखे।

~आद्या श्रीवास्तव। दरीचा - Window
दायरा - Boundary
फ़न - Art/Skill
शरार-औ'-अब्र - Lightning and clouds
बेअदब - ill mannered
बिन दस्तक कोई दरीचा झाँक कर तो देखे,
दायरा बडा़ है, कोई नांग कर तो देखे।

रंग, फ़न और ज़मीं के तो कर दिए हैं टुकडे़,
कोई लकीर आसमान पर खींच कर तो देखे।

गरजते हैं, भड़कते हैं, शरार-औ'-अब्र हों जैसे,
कभी एक बूंद, समंदर पर बरस कर तो देखे।

बडी़ बेअदब हो जाती हैं जु़बानें ज़माने की,
वो दिया मशाल बन जाएगा,कोई बेबाक फूँक कर तो देखे।

लोग कहते हैं, चाँद से फिसल कर खुदकुशी की उसने,
आँखें खुली रही रात भर, उस लाश को कोई झाँक कर तो देखे।

~आद्या श्रीवास्तव। दरीचा - Window
दायरा - Boundary
फ़न - Art/Skill
शरार-औ'-अब्र - Lightning and clouds
बेअदब - ill mannered

दरीचा - Window दायरा - Boundary फ़न - Art/Skill शरार-औ'-अब्र - Lightning and clouds बेअदब - ill mannered #शायरी