ज़ब भी हम दुनिया मे आते हैँ हमारा पूरा मनोविज्ञान मांगता है. कि कोई हमेँ बचाने वाला जरूर हो हम भेड़ बनने को सदैव तैयार हैँ. तो जरूरत आ पड़ती है किसी ऐसे चरवाहे की ज़ो हमेँ सांत्वना दे कि "डरो मत सिर्फ मुझ पर भरोसा करो और मैं तुम्हे बचा लूँगा मैं तुम्हारा ध्यान रखूंगा " कदाचित इसीलिए जरूरत होती है ऐसे परमात्मा की ज़ो सर्वशक्तिमान. हो जिसके पास सम्पूर्णन शक्तियां हो ज़ो सब जगह अपनी उपस्तिथि दर्ज़ कराता हो ©Parasram Arora भेड़ और चरवाहा......