वो मौसम नहीं ,कि कुछ महीनों में बदल जाएगी वो बादल नहीं ,कि बिखर कर ऐसे बरस जाएगी .. वो कोई ऐसा लम्हा नहीं,कि यूं ही बीत जाएगी वो ऐसी गुल नहीं,जो किसी कांटे से डर जाएगी .. ना ही है ,वो कोई बंजारन जो पता बदल जाएगी वो तो प्रेम है, जो सबके दिलों में घर कर जाएगी .. ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat