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shikhashalet7269
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Sadhna Sarkar

Teacher by profession Writer By heart ❤️ इक अधूरी दास्तां और लफ्ज़ों का कारवां 💫

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Sadhna Sarkar

White  मकान और रिश्ते दोनो ही बहुत
धीमी गति से बनाने चाहिए
जितनी धीमी गति से ये बनेंगे
उतनी ही मजबूती से टिके रहेंगे।

©Sadhna Sarkar
  #ankahe_jazbat
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Sadhna Sarkar

 वक्त से वक्त को जो मैं चुरा लेती हूं 
और उससे ऐसी ही बहुत खूबसूरत 
कृतियों को बनाने में लगा देती हूं ।

©Sadhna Sarkar
  Made by me ❣️❣️

Made by me ❣️❣️ #विचार

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Sadhna Sarkar

Blue Moon ज़िंदगी की भाग दौड़ से थक कर सुस्ता सकते हो, हक़ है तुम्हे
कोई जो अगर पसंद आ जाए तो चाह सकते हो, हक़ है तुम्हे 

जो बात तेरे दिल को रुलाए तो जोर से रो सकते हो, हक़ है तुम्हे 
दुनियां की छोड़ कर कभी अपने मन की कर सकते हो, हक़ है तुम्हे 

अपनी नाकामियों,असफलता पर झुंझला सकते हो, हक़ है तुम्हे 
इंसान हो तो अपनी इंसानियत दिखा सकते हो, हक़ है तुम्हे 

औरों के लिए नहीं कभी कभी अपने लिए जी सकते हो, हक़ है तुम्हे 
ना बांधो ख़ुद को ख़ुद की जंजीरों में खुल कर जी लो, हक़ है तुम्हे

©Sadhna Sarkar
  #ankahe_jazbat
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Sadhna Sarkar

White ये जो रात में नींद नहीं 
आती है,ये कहीं नहीं जाती है,
आंखों के नीचे स्याह घेरे में ठहर जाती है,
काले धब्बों के रूप मे .........

©Sadhna Sarkar
  #ankahe_jazbat
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Sadhna Sarkar

Beautiful Moon Night  कीचड़ और दलदल दोनो में  कीचड़ मिट्टी समाए 
एक में फूल खिले तो दूसरे में कोई धंसता ही जाए
बुराई का रूप बड़ा आकर्षक लुभावना होए
और भलाई तो बिना आकर्षण के ही रह जाए

मानव मन चंचल चितवन का रूप दिखाए
शांति जीवन में इनके फिर किस तरह से आए
जग को कभी ना समझ में पीर पराई आए
जो खुद की तकलीफ़ हो तो वही बड़ा नज़र आए

सम्मान खुद ना दे किसी को चाहे ,अपने या पराए
इन्हें तो सिर्फ अपनी खुशामदी ही करवानी आए
मोह माया में फंसे ये अपनी ज़िंदगी को बिताए
दीन दुनिया की समझ भी इन्हें अब कहा से आए।

लालच के भंवर में फंसकर सुकुन पल पल ये गंवाए
फिर भी किसी जरूरतमंद का भला करने से कतराए।

©Sadhna Sarkar
  #ankahe_jazbat
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Sadhna Sarkar

White बड़ा गुरुर था छत को,अपने छत होने पर ...
ऊपर कमरा बना और, छत फर्श बन गई ...

©Sadhna Sarkar
  #ankahe_jazbat
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Sadhna Sarkar

Blue Moon अगर नियति से परे भी कोई और जहां होता
तो इंसा हर रंजो - गम से कितना आज़ाद होता
मिलने - बिछड़ने का तब कोई दर्द तो ना होता
काश ! की ये सारी बातें सच में सच हो पाता
सीमित होती इच्छाएं और सीमित सपना होता
जो की उंगलियों पर भी इसे गिना जा सकता 
रात जगनुओं की रौशनी से उजाला लिए होता
तो सुबह ओस थोड़ी और देर तक पत्तों पर ठहरता

स्वच्छ आकाश अपने चांद ,तारों  से जगमगाता
और नदी उसकी परछाई में ख़ूब आलोकित होती
सब लोग ताल में होते कोई बे- ताल ना होता 
खिलखिलाहट से हर हृदय मानो प्रफुल्लित होता 
गीत और नगमें सब अपनी जगह पर गुनगुनाते
घुंघुरू की छम  छम से ये जग संगीतमय होता   
काश ! की सच में कोई ऐसा जहां सच में होता
और ये सारी बातें सच में कभी तो सच हो पाता

©Sadhna Sarkar
  #ankahe_jazbat
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Sadhna Sarkar

 मौन से बेहतर और कोई संवाद नहीं ....
और जो मौन समझ जाएं , तो 
इससे बेहतरीन और कोई एहसास नहीं ....

©Sadhna Sarkar
  #ankahe_jazbat
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Sadhna Sarkar

 कभी  ये सोचा ना था कि ऐसा भी होगा 
बिन तेरे मुझे इस तरह से जीना भी होगा

आखों में नमी लेकर झूठी हंसी हंसना होगा
आसमां में बिछे तारो के बीच तुझे ढूंढना होगा

कोई जो तारा टूटे तो मुझे ये समझना होगा
मिलने तू आया मुझसे मुझे ये एहसास होगा

वक्त के आगे हम है मजबूर दिल को बहलाना होगा
हम मिलेंगे ज़रूर अब फिर से ये वादा करना होगा।

अपने जीवन की सार्थकता को जानना होगा
अब तुझे अपने में समेट कर जीवन को जीना होगा।

©Sadhna Sarkar
  #ankahe_jazbat 
कुछ भूली बिसरी यादें याद आई है
इस सुने मन को आबाद कर गई है

#ankahe_jazbat कुछ भूली बिसरी यादें याद आई है इस सुने मन को आबाद कर गई है #शायरी

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Sadhna Sarkar

Blue Moon आकाश की ऊंचाइयों को छूने की कोशिश में ज़मीन को छोड़ रहे हैं 
मनुष्य का चोला पहने इंसान किसी जानवर सा सुलूक कर रहे हैं 

आधुनिकता की होड़ में अपनी अच्छी परंपराओं को तोड़ रहे हैं 
फैशन के नाम पर अपने तन पर वस्त्र के कुछ चिथड़े लपेट रहे हैं 

ज्ञान का है जब भंडार अपने देश में तो क्यों विदेशों में भीख मांग रहे हैं 
भ्रष्टाचार की गिरफ्त में  ख़ुद को फंसा कर तरक्की की बात कर रहे हैं

राह चलती किसी स्त्री या बच्ची को यूं लार टपकाएं आंखों से निगल रहे हैं 
आज़ भी किसी स्त्री या बच्ची को बेखौफ कहीं निकलने में थोड़ा तो झिझकते हैं 

कहीं पर किसानों की उपजाऊ जमीन कौड़ी के दर से बिक रहे हैं 
तो कहीं अनुपजाऊ वाली ज़मीन चालाकी से सोने के भाव में बिक रहे हैं 

एक ही देश एक ही समाज के लोग होने के बाद भी इतने असामाजिक हो रहे हैं 
क्या करें की अब तो लगभग लोगों के होठों पर चुप्पी के ताले पड़े हुए हैं

©Sadhna Sarkar
  #ankahe_jazbat 
मन के विचारों को लिखा है, इसे लिखने में हुई मेरी भूल त्रुटि को क्षमा करें 🙏

#ankahe_jazbat मन के विचारों को लिखा है, इसे लिखने में हुई मेरी भूल त्रुटि को क्षमा करें 🙏 #कविता

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