खला में ख्वाहिशों सा जो खाक होगा, वही महफ़िलो में मय सा बेबाक होगा, तू ढूंढता है बियाबान में चिराग लेकिन, जलेगा दिल दुआ में तभी तो पाक होगा, ये वक़्त वो नही जो ढूंढता तुझे यहाँ वहां, तू खो भी जाये तो कहां नापाक होगा, वो चल रहा है चाल अपनी बिसात ले कर, जो गुरुर होगा तो कहाँ चालाक होगा, तू कर फतह ले हौसलो को साथ ले कर, मिटा तो साथ तेरे पूरा कायनात होगा, जो दौड़ता है नसों में तेरे जुनून बन कर, कटेगा सिर तो फिर कहाँ हलाक होगा, तू जनता है ये वक़्त है बड़ा कातिल, तो मौत में तेरे कहाँ वो नमनाक होगा, खला - खाली जगह खाक - मिट्टी या Ashes बिसात - फैलाव हलाक - जिसको मार दिया गया हो नमनाक - गीला या तर #खला