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हमें तुमसे प्यार कितना, चलो निकाल फेंके मन के निरा

हमें तुमसे प्यार कितना, चलो निकाल फेंके मन के निराशा को...
क्यों रहे उदास?
क्यों रहे हताश?
क्यों रहे परेशान?
क्यों रहे हैरान?
निकलो बाहर देखो संसार,
आग लगाओ सीने में,
क्या रखा है ऐसे जीने में ।
कर जाओ कुछ ऐसा,
ना किया हो किसी ने वैसा ।
तुम ऊर्जावान हो,
तुम शक्तिमान हो।
थोड़ा जोर लगाओ,
मंज़िल पा जाओ।
फिर देखो क्या मजा है जीने में । चलो निकाल फेंके मन के #निराशा को
क्यों रहे #उदास?
क्यों रहे #हताश?
क्यों रहे #परेशान?
क्यों रहे #हैरान?
निकलो बाहर देखो #संसार,
आग लगाओ सीने में,
क्या रखा है ऐसे जीने में ।
हमें तुमसे प्यार कितना, चलो निकाल फेंके मन के निराशा को...
क्यों रहे उदास?
क्यों रहे हताश?
क्यों रहे परेशान?
क्यों रहे हैरान?
निकलो बाहर देखो संसार,
आग लगाओ सीने में,
क्या रखा है ऐसे जीने में ।
कर जाओ कुछ ऐसा,
ना किया हो किसी ने वैसा ।
तुम ऊर्जावान हो,
तुम शक्तिमान हो।
थोड़ा जोर लगाओ,
मंज़िल पा जाओ।
फिर देखो क्या मजा है जीने में । चलो निकाल फेंके मन के #निराशा को
क्यों रहे #उदास?
क्यों रहे #हताश?
क्यों रहे #परेशान?
क्यों रहे #हैरान?
निकलो बाहर देखो #संसार,
आग लगाओ सीने में,
क्या रखा है ऐसे जीने में ।

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