कैसे करूँ??? लफ्ज़ नही खुलते सामने तेरे, मैं इज़हार कैसे करूँ? इस भागती हुई दुनिया मे, जीने का इकरार कैसे करूँ? बड़ी तवज्जो से संभाला हूँ खुद को, इस जाहिल से शहर में प्यार कैसे करूँ? बड़ी हुस्न की दुकाँ है तेरी, मैं इसमे खरीददार कैसे करूँ? रात चाँद से पूछा है पता तेरा, सितारों से बताने में इनकार कैसे करूँ? मुद्दतो हुई खुद को खुद से मिलाये हुए, मैख़ाने में बैठा उस रब से गुलजार कैसे करूँ? #dilaemushafir #yqbaba #yqdada #yqquotes