Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे पूजन-आराधन को, मेरे सम्पूर्ण समर्पण को जब मेर

मेरे पूजन-आराधन को,
मेरे सम्पूर्ण समर्पण को
जब मेरी कमजोरी कहकर मेरा पूजित पाषाण हँसा ..
तब रोक न पाया मैं आँसू

जिसके पीछे पागल होकर
मैं दौड़ा अपने जीवन-भर,
जब मृगजल में परिवर्तित हो मुझ पर मेरा अरमान हँसा!
तब रोक न पाया मैं आँसू !

जिसमें अपने प्राणों को भर
कर देना चाहा अजर-अमर
जब विस्मृति के पीछे छिपकर मुझ पर वह मेरा गान हँसा !
तब रोक न पाया मैं आँसू !

🖊️बच्चन ,डा.हरिवंश राय

#

...

©Nilam Agarwalla
  #हरिवंशरायबच्चन