ज़िंदगी भर लिखता रहा मैं दर्द पन्नों पर... कोरे कागज भी हमसे यू जलाये न गए... और दे दिया दर्द अपना किताब छपने को.. कमबख्त निकले ऐसे अल्फाजों मे सुनाये न गए.. Ansar.. ©Ansari shahbaj #FlutePlayer, #ANSAR..