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आज भी ख्वाबों में मंज़र वो सताता है मुझे वाकेआ वो

आज भी ख्वाबों में मंज़र वो सताता है मुझे
वाकेआ वो बारहा क्यों याद आता है मुझे

काम की मसरूफियत में दिन तो कटता है मेरा
शाम ढलते ही मगर ग़म खुद बुलाता है मुझे

संगदिल बनने की ख़्वाहिश पालता हूं मैं मगर
दर्द ये आंसू हमेशा दे ही जाता है मुझे
odysseus9022

Odysseus

Bronze Star
New Creator

आज भी ख्वाबों में मंज़र वो सताता है मुझे वाकेआ वो बारहा क्यों याद आता है मुझे काम की मसरूफियत में दिन तो कटता है मेरा शाम ढलते ही मगर ग़म खुद बुलाता है मुझे संगदिल बनने की ख़्वाहिश पालता हूं मैं मगर दर्द ये आंसू हमेशा दे ही जाता है मुझे #ghazal #nojotovideo

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