Nojoto: Largest Storytelling Platform

ना क़द्र हुई अल्फ़ाज़ों की, ना समझा कोई ज़ज़्बातों को,

ना क़द्र हुई अल्फ़ाज़ों की, ना समझा कोई ज़ज़्बातों को,
हंसी उड़ाकर मेरी मुझमें इल्ज़ाम लगाकर छोड़ा था,
ख़ूब बिकी वो कविता मेरी, मेरे अपनों के बाज़ार में,
जिस कविता से निज नाम हटा, गुलज़ार लिखाकर छोड़ा था। 🎀 Challenge-214 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।
ना क़द्र हुई अल्फ़ाज़ों की, ना समझा कोई ज़ज़्बातों को,
हंसी उड़ाकर मेरी मुझमें इल्ज़ाम लगाकर छोड़ा था,
ख़ूब बिकी वो कविता मेरी, मेरे अपनों के बाज़ार में,
जिस कविता से निज नाम हटा, गुलज़ार लिखाकर छोड़ा था। 🎀 Challenge-214 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।

🎀 Challenge-214 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #ज़िन्दगीगुलज़ारहै