हो जाती है जिसको भी मयस्सर ये मुहब्बत, महक उठता है गुलिस्ता खुशियों की ख़ुश्बू से, तकदीर है नाज़ुक इनकी फूलों की ही तरह, मुस्कुराए,मुरझाए,अब शाख पे,अब ख़ाक में। सुप्रभात। जीवन लम्बा नहीं सार्थक होना चाहिए। फूल इसकी सबसे उम्दा मिसाल हैं। #फूलोंकीतरह #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi