नित प्रतिदिन का कार्य है, आमना-सामना करना एक दूजे से हर पति-पत्नी का अधिकार है। आज तेरी जीत हुई पर,कल हार मैं ना मानूँगा/मानूँगी चीत भी मेरी पट भी मेरा इसी वक्तव्य को मैं दोहराऊँगी। कुछ ही पल बीतते है खुशी के,फिर तू-तू,मैं-मैं पे बात आएगी। दुनिया के सबसे अजीबोगरीब इस रिश्ते पर,किस्मत भी शरमाएगी।। 🎀 Challenge-454 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 🎀 रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 🎀 अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।