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बह्र - २१२२-११२२-११२२-२२/११२ बेकरारी से अदब तक का

बह्र - २१२२-११२२-११२२-२२/११२

बेकरारी से अदब तक का ठिकाना दिल का
खूब जालिम है ये कमबख़्त जमाना दिल का।।१

क़ाश! कोई तो समझ पाता मेरा हाल ए दिल
वस्ल औ हिज़्र में लिपटा है फ़साना दिल का।।२

बेखुदी सी बसी है मन के हर इक कोने में
तेरा हम पर यूँ सितम करके दुखाना दिल का।।३

क्या कहूँ क्या न कहूँ कुछ भी समझ आता नहीं
कब हुआ कैसे हुआ इश्क़ में आना दिल का।।४

मैने ये सोचा नहीं बेवफ़ा निकलोगी तुम
गैर की बाहों से लगकर के जलाना दिल का।।५

लफ्ज़ की माला पिरोना नहीं आता हमें #जय
वादा जो तुमसे किया है वो निभाना दिल का।।६

©जय #ghazal #sher #Shayari #Shayari #Dard #Love 

#YouNme
बह्र - २१२२-११२२-११२२-२२/११२

बेकरारी से अदब तक का ठिकाना दिल का
खूब जालिम है ये कमबख़्त जमाना दिल का।।१

क़ाश! कोई तो समझ पाता मेरा हाल ए दिल
वस्ल औ हिज़्र में लिपटा है फ़साना दिल का।।२

बेखुदी सी बसी है मन के हर इक कोने में
तेरा हम पर यूँ सितम करके दुखाना दिल का।।३

क्या कहूँ क्या न कहूँ कुछ भी समझ आता नहीं
कब हुआ कैसे हुआ इश्क़ में आना दिल का।।४

मैने ये सोचा नहीं बेवफ़ा निकलोगी तुम
गैर की बाहों से लगकर के जलाना दिल का।।५

लफ्ज़ की माला पिरोना नहीं आता हमें #जय
वादा जो तुमसे किया है वो निभाना दिल का।।६

©जय #ghazal #sher #Shayari #Shayari #Dard #Love 

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jaigupta6696

जय

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