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# लाख बरसातें हुई, बंजर थे | Hindi शायरी

लाख   बरसातें   हुई,  बंजर  थे   बंजर  ही  रहे
दिल जो पत्थर होगाए तो फिर वो पत्थर ही रहे

दे के तुझ को भिक में यूं  अपनी सारी  ज़िंदगी
हम   समंदर  थे,  समंदर  के   समंदर  ही  रहे
आकिब ज़मीर

#aquibzamir
aquibzamirkhan4230

Aquib Zamir

Bronze Star
New Creator

लाख बरसातें हुई, बंजर थे बंजर ही रहे दिल जो पत्थर होगाए तो फिर वो पत्थर ही रहे दे के तुझ को भिक में यूं अपनी सारी ज़िंदगी हम समंदर थे, समंदर के समंदर ही रहे आकिब ज़मीर #aquibzamir #शायरी

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