राम नाम से यारी कर, जाने की तैयारी कर, अंतर्घट में दीप जला, बाद में दुनियादारी कर, यहीं छोड़ जाओगे सब, चाहत मत संसारी कर, पहले अपना काम बना, बाद में फिर बेगारी कर, शक्ति पूँज जागृत करले, सिंह की स्वयं सवारी कर, चिंता त्याग करो चिंतन, राम नाम गिरधारी कर, बेकाबू मन को 'गुंजन', बंदर बना मदारी कर, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #तैयारी कर#