Nojoto: Largest Storytelling Platform

मै फुर्सत के लम्हों में बस गम की बातें करता हूँ।

मै फुर्सत के लम्हों में बस गम की बातें करता हूँ। 
मैने जो गुजारे जीवन में उन क्षण की बातें करता हूँ।। 
क्या जीवन है और कौन हूँ मै मेरा असली परिचय है क्या। 
मै अपने खालीपन में जीवन की बातें करता हूँ।। 
मजबूर हूँ मै मगरूर नहीं सारा जग मेरा अपना है। 
मुझको सारा जग एक दिखे दर्पण की बातें करता हूँ।। 
मतलब है आधार मतलबी इतना हुआ जमाना है। 
भुला दिया खुद को इंसा ने, तन की बातें करता हूँ।। 
चहेरे पर चेहरा रखता है इंसा बड़ा खिलाडी है।
चेहरे को पहचाने जो उस फन की बातें करता हूँ।। 
ये दुनिया आनी जानी है क्या तेरा है क्या मेरा है।
इस आती जाती दुनिया से जन जन की बातें करता हूँ।। 
जब अपना कुछ भी है ही नहीं इस जग में सभी भिखारी हैं। 
तो प्रीत के दीप जला दिल में निर्धन की बातें करता हूँ।। 
चल रही तेज अंधिया है हर ओर अंधेरा गहरा है। 
इंसान मर गया जीते जी उलझन की बातें करता हूँ।। 
ना कोई अपना बेगाना सब मतलब के हैं यार यहाँ। 
अपनों को सोचा करता हूँ दुश्मन की बातें करता हूँ।। 
हो मौसम चाहे जो जैसा मौसम तो सभी सुहाने हैं। 
मै खुद से ही पतझड़ में भी सावन की बातें करता हूँ। 
                  आशुतोष अमन🙏
                 _________&&&&

©Aashutosh Aman.
  #fursat