green-leaves हर ग़म को अपनी ताक़त बना, हर ठोकर को अपनी इबादत बना। जो डिगे न कभी, वो इरादा बना, और अपनी तक़दीर का फ़लसफ़ा बना। तेरे ख्वाब तेरे हौसले की दुआ हैं, तेरी मेहनत ही तेरी सबसे बड़ी वफ़ा है। ख़ुदा भी देगा तुझे ताज-ए-क़ामयाबी, बस चलते रहना, यही रास्ता सच्चा है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीत हर ग़म को अपनी ताक़त बना, हर ठोकर को अपनी इबादत बना। जो डिगे न कभी, वो इरादा बना, और अपनी तक़दीर का फ़लसफ़ा बना। तेरे ख्वाब तेरे हौसले की दुआ हैं, तेरी मेहनत ही तेरी सबसे बड़ी वफ़ा है।