Nojoto: Largest Storytelling Platform

सुना रहा हूं मैं बरसों से पत्थरों को गज़ल मुझे उम्

सुना रहा हूं मैं बरसों से
पत्थरों को गज़ल
मुझे उम्मीद हैं
एक दिन ये वाह बोलेंगे

©Jit parsai
  #jit