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शाम को देखकर खयाल आया यूँ किसी शाम कभी तुम भी सोच

शाम को देखकर खयाल आया  यूँ किसी शाम कभी तुम भी सोचते होंगे
मेरी तरह कभी ऐसे ही बैठकर शायद! ढलते सूरज को देखते होगे,

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  #sham