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White तेरी यादों के साये में जी रहा हूँ, क्यों नही

White तेरी यादों के साये में जी रहा हूँ, क्यों नहीं समझता ये दिल कि तू नहीं है यहाँ।मुस्कान तेरी जैसी कहीं नजर नहीं आती, क्यों लगता है दिल अकेला है, जैसे कोई अजनबी जगह।

©आगाज़
  #उदासी  Niaz (Harf) aditi the writer