बात तो होनी चाहिये वरना लोग शब्दों का भार कहाँ समझते हैं छिपाकर पहचान अपनी बस कुछ गंदी जुबान बोल जाते हैं होंगी बात तो फिर शायद बोलने की जिम्मेदारियां आएँगी सुनने वाली बातें सुनी जायेंगी और सुनाई भी जायेंगी बुरी होंगी जो बातें उन पर फटकारें भी लगाई जायेंगी ©Nishikant Kumar Jha # stop internet abusing #vacation