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हम भविष्य में क्या बनेंगे इसका निर्धारण हमारे 5 मि

हम भविष्य में क्या बनेंगे इसका निर्धारण हमारे 5 मित्र जिनके साथ हम हमेशा रहते हैं या हमारे वातावरण के अनुसार होता है ।
मनोविज्ञान के अनुसार हमारी संगति से हमारा व्यवहार बनता है, और हमारे व्यवहार से हमारा भविष्य, इसलिए आवश्यक है कि हम ऐसे व्यक्ति के संगति में रहें जो हमें हमेशा कुछ नया सीखने को प्रेरित करे और अच्छा मार्गदर्शन कर सके अगर आप ऐसे व्यक्ति के संगति में नहीं है, तो आपको जल्द से जल्द अपनी संगति को बदल लेना चाहिए या फिर अच्छे किताबों को अपना मार्गदर्शक मानकर उन्हें अच्छा मित्र बना लेना चाहिए।
 पूर्व राष्ट्रपति “डा. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम” जी कहते हैं कि किताबों से अच्छा मित्र कोई नहीं होता।

मनोविज्ञान यह भी कहता है कि हम जिन चीजों को बार-बार सुनते हैं, या जिनके संपर्क में हमेशा रहते हैं उनका असर हम पर एक न एक दिन जरूर होता है उदाहरण के लिए जैसे टेलीविजन में एक ही प्रचार बार-बार आता है। जबकि कंपनी के मालिक यह भी जानते हैं कि प्रचार आने पर हम तुरंत चैनल को हटा देते हैं फिर भी कहीं ना कहीं उन्हें यह उम्मीद भी होती है कि हम अगर लगातार एक ही प्रचार बार-बार करें तो उसका असर एक न एक दिन जरूर होगा और होता भी है।

हम जब दुकानों पर जाते हैं तो हम सामान की विशेषता के बजाय उन चीजों पर फोकस करते हैं जो हमने बार-बार सुनी होती है और खरीदते भी हैं इसलिए हम दिन भर में क्या सुनते हैं, क्या पढ़ते हैं, क्या देखते हैं और कैसे वातावरण में रहते हैं इसका भी हमारी जिंदगी पर बहुत बड़ा असर होता है, इसलिए कुछ भी करने पहले इस बात का आकलन जरूर कर लें कि क्या ये रास्ता मेरे उज्जवल भविष्य की तरफ ही ले जाएगा या नहीं। 
✍️अमित पाण्डेय “अक्ष”

©Amit Pandey Aksh #सबकजिन्दगीके #motivation_for_life #lessonoflife #successquotes #Psychological_Fact
हम भविष्य में क्या बनेंगे इसका निर्धारण हमारे 5 मित्र जिनके साथ हम हमेशा रहते हैं या हमारे वातावरण के अनुसार होता है ।
मनोविज्ञान के अनुसार हमारी संगति से हमारा व्यवहार बनता है, और हमारे व्यवहार से हमारा भविष्य, इसलिए आवश्यक है कि हम ऐसे व्यक्ति के संगति में रहें जो हमें हमेशा कुछ नया सीखने को प्रेरित करे और अच्छा मार्गदर्शन कर सके अगर आप ऐसे व्यक्ति के संगति में नहीं है, तो आपको जल्द से जल्द अपनी संगति को बदल लेना चाहिए या फिर अच्छे किताबों को अपना मार्गदर्शक मानकर उन्हें अच्छा मित्र बना लेना चाहिए।
 पूर्व राष्ट्रपति “डा. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम” जी कहते हैं कि किताबों से अच्छा मित्र कोई नहीं होता।

मनोविज्ञान यह भी कहता है कि हम जिन चीजों को बार-बार सुनते हैं, या जिनके संपर्क में हमेशा रहते हैं उनका असर हम पर एक न एक दिन जरूर होता है उदाहरण के लिए जैसे टेलीविजन में एक ही प्रचार बार-बार आता है। जबकि कंपनी के मालिक यह भी जानते हैं कि प्रचार आने पर हम तुरंत चैनल को हटा देते हैं फिर भी कहीं ना कहीं उन्हें यह उम्मीद भी होती है कि हम अगर लगातार एक ही प्रचार बार-बार करें तो उसका असर एक न एक दिन जरूर होगा और होता भी है।

हम जब दुकानों पर जाते हैं तो हम सामान की विशेषता के बजाय उन चीजों पर फोकस करते हैं जो हमने बार-बार सुनी होती है और खरीदते भी हैं इसलिए हम दिन भर में क्या सुनते हैं, क्या पढ़ते हैं, क्या देखते हैं और कैसे वातावरण में रहते हैं इसका भी हमारी जिंदगी पर बहुत बड़ा असर होता है, इसलिए कुछ भी करने पहले इस बात का आकलन जरूर कर लें कि क्या ये रास्ता मेरे उज्जवल भविष्य की तरफ ही ले जाएगा या नहीं। 
✍️अमित पाण्डेय “अक्ष”

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