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अगर उसका गम मुझपर ऐसा हाबी ना होता। तो शायद आज मै

अगर उसका गम मुझपर ऐसा हाबी ना होता।
तो शायद आज मै शराबी ना होता।
 पर दर्द उसका इतना नासूर था साहब
 
कि अगर ये शराब न होती  तो आज ये शराबी ना होता। बेवफा और शराब
अगर उसका गम मुझपर ऐसा हाबी ना होता।
तो शायद आज मै शराबी ना होता।
 पर दर्द उसका इतना नासूर था साहब
 
कि अगर ये शराब न होती  तो आज ये शराबी ना होता। बेवफा और शराब

बेवफा और शराब