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White जय माँ शारदा विधा-दोहा मुक्तक छुपकर बैठा

White जय माँ शारदा  
विधा-दोहा मुक्तक

छुपकर बैठा भानु है,दिनभर पड़ती शीत।
देख प्रकृति के रुप को,मानव हैं भयभीत।
कट-कट बजते दाँत हैं, थर-थर काँपे गात,
दुबके खग सब नीड़ में, भूले जीवन रीत।।

        स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                             उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #poem
#winter
#sayari
#motivatonal 
#कविता
White जय माँ शारदा  
विधा-दोहा मुक्तक

छुपकर बैठा भानु है,दिनभर पड़ती शीत।
देख प्रकृति के रुप को,मानव हैं भयभीत।
कट-कट बजते दाँत हैं, थर-थर काँपे गात,
दुबके खग सब नीड़ में, भूले जीवन रीत।।

        स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                             उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #poem
#winter
#sayari
#motivatonal 
#कविता
ramjitiwari1532

Ramji Tiwari

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