White जय माँ शारदा विधा-दोहा मुक्तक छुपकर बैठा भानु है,दिनभर पड़ती शीत। देख प्रकृति के रुप को,मानव हैं भयभीत। कट-कट बजते दाँत हैं, थर-थर काँपे गात, दुबके खग सब नीड़ में, भूले जीवन रीत।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #poem #winter #sayari #motivatonal #कविता