आओ दीप जलायें कर कुछ रोशनी सरहद के नाम आओ दीप जलायें बुलंद आवाज़ में कर सलाम आओ दीप जलायें किसी झोपड़ी में रख आना थाल में भर मिठाई किसी गरीब का हाथ थाम आओ दीप जलायें कुछ शोहदो ने खूबसूरती पर तेज़ाब गिराया था करें उन झुलसे चेहरो को प्रणाम आओ दीप जलायें चिड़ियों का चहकना चीखों में बदल आये दरिंदे कस कर अब जुल्म पर लगाम आओ दीप जलायें राम दीये ले आना और रहीम तुम बाती तेल लाओ जगमगा दें हिन्दूस्तान की शाम आओ दीप जलायें आमिल m sochta hu ki ye shabd mere sab tak pohache taki hindustaan jagmagaaye 😇😇😇😇😇😇😇😇😇 Kr kuch roshni sarhadd ke naam aao deep jalaaye Buland awaaz m kr slaam aao deep jalaaye Kisi jhopdi m rakh aana thaal m bhar kr mithai Kisi gareeb ka hath thaam aao deep jalaaye