संग हारे हारे मीत जो हारे अब कैसे भूले वो पल हमारे जो संग बीत रे बिन बात रे क्यूँ दिन हारे जब एक ठहरे सारे भाव हमारे फिर कैसे रैन रे कोई हिदय तुम्हारे जब हम ठहरे हर मन तुम्हारे ©Kavitri mantasha sultanpuri #मीत_हारे #KavitriMantashaSultanpuri