छीलने से मेरे जिस्म का ज़हर नहीं उतरेगा एक बार सर क

छीलने से मेरे जिस्म का ज़हर नहीं उतरेगा एक बार सर काट,

फिर गर्दन से रगड़ फिर दूसरी बार खीरे का सर काट।
छीलने से मेरे जिस्म का ज़हर नहीं उतरेगा एक बार सर काट,

फिर गर्दन से रगड़ फिर दूसरी बार खीरे का सर काट।