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यादगार थे जिनकी वजह से हर शाम मेरे। वो अब क्या पढ

यादगार थे जिनकी वजह से हर शाम मेरे।

वो अब क्या पढ़ते होंगे पुराने कलाम मेरे?

सोचता हूं वो उनको फिर कैसे पुकारेंगे,

जब कभी मिलेंगे उनको हमनाम मेरे।

©Aayush Jha
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aayushjha5728

Aayush Jha

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