जीवन की हर चाहत यूहीं नहीं पूरी होती, जीवन में है हर कदम एक नई चुनौती। पिता करता है बच्चों की हर लालसा पूरी, सामना करके, हर कदम एक नई चुनौती। मां करती है परिवार की हर जरूरत पूरी, लेके, हर कदम एक नई चुनौती। पत्थर बनता है, एक सुंदर मूर्ति, झेल हथौड़े की हर कदम एक नई चुनौती। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-38 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥38:- हर कदम एक नई चुनौती