कोरे कागज़ ने मुझको ये मौका दिया,,, जिसने दिल तोड़ा लिख उसे शुक्रिया,,! होते सफ़र में साथ तो मैं रुकता नहीं,,,, उसी से ये शिकायत कर सकता नहीं,,,! मुझको छोड़ा और जिसने तन्हा किया,,; अपनी जोड़ी थी ऐसी दुनिया जलती थी,, बिछड़े क्यों बता दे मेरी क्या गलती थी,,? रूठे बेवजह हो या कोई बदला लिया,,,; इश्क़ कह रहा है मेरा कर्ज़ उतार दे,,,,,, लौट कर आ तू या फिर मुझे मार दे,,,,,,! तू देख और बता मैं मरा हूं या जिया,,,,; क्या तमाशा है देखो अब इस दौर का,,,,! आज ही बिछड़ा आज ही हुआ वो और का! मैं हूं कि अकेले ही अपने ज़ख्मों को सिया,। ✍️"हुड्डन"🙏 #कोरा_काग़ज़