#चाइनीज़ दुल्हन कोरोना
तू भाग अब तू मैके जा
तू कर दी दुर्दशा जग हुआ परेशान
ऐसी दुल्हन की न जरूरत यहाँ
तू जा अब वहीं टहल
चाइनीज़ दुल्हन कोरोना
तेरे माँ-बाप ने क्यों पैदा किया
क्यों भटक रही तू इधर-उधर
तू रह अब वहीं अपने नगर
प्यार से तू बरसा वहीं कहर
माँ-बाप का जा तू गर्दन पकड़
चाइनीज़ दुल्हन कोरोना
दुल्हन न चाहिए तुम जैसा
तू जा अब आंधी बन अपने डगर
जा मिल-जुल अब वहीं रहना
न है यहाँ तेरा घर-द्वार अपना
अपने बाप के घर तू जल्दी जा
चाइनीज़ दुल्हन कोरोना
तू अदृश्य बन खूब कहर मचायी
तेरा रूप न दिख रहा
क्यों बदसूरत बन तू भटक रही
सब का आह क्यों समेट रही
जा जा अब अपने बाप के घर
चाइनीज़ दुल्हन कोरोना
कैसी हठी तू निर्लज्ज प्राणी
शर्म नहीं तुझे जो आती
बेशर्मी की हद पार कर डाली
प्राणघातनी तू बन आई
रक्तपिपासु मानव हन्ति
चाइनीज़ दुल्हन कोरोना
संगीत कुमार /जबलपुर
✍🏽स्व-रचित 🙏🙏🌹