खाना पचाती है एसिडिटी गम न होंगे तो भूख मर जाएगी। रात को चांद नहीं निकला तो ए लहर ज़िन्दगी की हिल्लोरों* को तरस जाएगी। *जल में उठनेवाली तरंग