बुरे हादसे मौत तो नहीं, तजुर्बे बेशुमार देते हैं ; हर एक घड़ी का हिसाब रखते हैं, अपनों में छुपे गैरों की भी पहचान कराते हैं; यह तजुर्बे हैं ,जनाब हर इंसान की उड़ान की परख रखते हैं।। ©Arti Upadhyay बुरे हादसे मौत तो, नहीं तजुर्बे बेशुमार देते हैं ; हर एक घड़ी का हिसाब रखते हैं, अपनों में छुपे गैरों की भी पहचान देते हैं; यह तजुर्बे हैं ,हर इंसान की उड़ान की परख रखते हैं।। #artiup