घर और वर अच्छा मिलने पर उसे बड़ा गुरूर है! है कुछ नहीं बस उसके मन का फितूर है!! मैंने तो लुटा दी तुझ पर दिल की हजारों लाखों दौलतें! और अब तू कुछ खनखनाते सिक्कों में मगरूर है!! बेखबर दौलत