मैं देख रहा तेरी और तू मेरी और देखे तो कुछ बात बने, मैं बैठा हु दर पर तेरे, तू मेरे मन मंदिर मे बैठे तो कुछ बात बने, तू सुन रहा सारे जग की तू मेरी सुने तो कुछ बात बने,, ये जग तुझे अघोड़ी कहता, तू मुझे भी मोह माया से परे रखे तो कुछ बात बने,, जग तुझे पुष्प बेल पात्र चढ़ाता, तू मेरे अश्रुओ को पुष्प समझें तो कुछ बात बने,, हर कोई तुझे प्रसन्न करने मे लगा, तू सच्ची भक्ति मुझे दे तो कुछ बात बने,, जग नाना प्रकार से रिझाये तुझे तू मुझसे स्वयं रिझे तो, कुछ बात बने, धरती मे, गगन मे इस सृष्टि के कण कण मे तू ही तू बसा, इस मन के किसी कोने मे तू पल भर ही विराजे तो कुछ बात बने,, मृत अमृत के बिच का तू अंतर, तू है सौम्य, तू ही भयंकर,, तेरी भयंकरता मे भी सौम्यता पाऊ तो कुछ बात बने,, मन मे बैठी विस्मय छाया, ना जाने इससे क्या पाया, ये भावो का गहरा सागर तुझसे ही मिली है ये काया,, करू भावो के मोतियों से श्रृंगार तेरा, तेरी दी काया तुझमे ही मील जाए तो कुछ बात बने मैं देख रहा तेरी और तू मेरी और देखे तो कुछ बात बने,... ✍️नितिन कुवादे... #mahadev #mahashivratri 26-02-2025 ©Nitin Kuvade #mahashivaratri