उनका अपमान नहीं करना है लेकिन सवाल पूछ सको अपने मां पिता से ऐसी बुद्धि विकसित करो।
ये बच्चों का हक है। आम चीज़े जिनसे बच्चें कमाने और जीवन जीने लायक बनते है वही चीजे उतनी मात्रा में ना मिले तो इसमें उनका दोष नहीं,इन चीजों के लिए भी आपको संघर्ष करना पड़ता है तो अकेले खूब संघर्ष करते।
आपकी अदूरदर्शिता,अपरिपक्वता का ही सबूत है जो इतने भी काबिल न बन पाएं इतना नही कमा पाए फिर भी बच्चो को जन्म दिया
जिन बच्चो को मानसिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह का सहारा नही दे पाते फिर भी बच्चो को कोसना हिंसा करना ये आपकी ही नाकामी का परिचय होता है।
बच्चो को बताएं ये जीवन सुंदर है,अपने विचार पैदा करो जीवन जियो और कोई भी असफलता आख़री नही होगी, तुम्हें हिम्मत रखनी होगी और हम तुम्हारे साथ है।
तब बच्चे कम जरूरतों पैसों में भी निखर जायेंगे वरना बिखरेंगे जिससे आप खुद को कोसेँगे कि हम ही नहीं बन पाए अच्छे माता पिता
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