कभी कभी... मुझे_____ जिंदगी से वादा यूं भी निभाना पड़ता है, रोना तो चाहता हूं मगर मुस्कराना पड़ता है। यूं तो आदतें नहीं मेरी, किसी के जिंदगी में घुलना और फिर मुसाफिर हो जाना , मगर वज़ह- ए - वक्त__ खुद को मुसाफिर जताना पड़ता है। जिंदगी से वादा यूं भी निभाना पड़ता है, रोना तो चाहता हूं मगर मुस्कराना पड़ता है।। अब मुसाफिर मैं भी हूं, मुसाफिर वो भी है। मगर मोड़ - ए - वक्त, एक दूजे से मिलना- मिलाना पड़ता है ।। जिंदगी से वादा यूं भी निभाना पड़ता है, रोना तो चाहता हूं मगर मुस्कराना पड़ता है। काश उससे गले लगाने की इजाज़त मिल जाए, कह दूं खुदा उसे मैं,उसे इबादत मिल जाए।। इन झूठे ख्वाबों में, खुद को समझाना पड़ता है, चेहरे में खुशी मगर दिल को तड़पाना पड़ता है, जिंदगी से वादा यूं भी निभाना पड़ता है, रोना तो चाहता हूं मगर मुस्कराना पड़ता है। #love #akarshanmishta