एक चाह है मेरी पंख फैला खुले आसमान में उड़ जाने की चूस ले जिसका रस तितलियाँ वो फुल बन मुसकुराने की रंगीन बनाना है दुनिया को रंग सा बिखर जाने की पंछी बन आसमान मे उड़ना फिर घर वापस आने की जिस महक मे दिल खो जाये वो खुशबू बन इतराने की प्यासे की जो प्यास बुझाये वह पानी बन बह जाने की बस इतनी सी अभिलाषा है बस इतना ही अरमान है नाज कर सके जिस पर दुनिया ऐसा कुछ कर जाने की एक चाह हैं मेरी पंख फैला खुले आसमान में उड़ जाने की -Khushi गुप्ता life is what you make it #spark