Nojoto: Largest Storytelling Platform

सोते,जागते,उठते,बैठते हरवक्त हरघड़ी आंखों के सामने

सोते,जागते,उठते,बैठते हरवक्त हरघड़ी
आंखों के सामने उसी का चेहरा रहता था|
चाहता था मैं हद से ज्यादा उसे
हरवक्त उसी के खयालों में खोया रहता था|
पहचान नहीं पाई कभी वो प्यार को मेरे
ना ही कभी मेरे प्यार को उसने जाना|
मैं ही था के दिलोजान से उसे अपनी मान कर
उसी से बेइंतेहा इश्क़ कर अपनी जान बनाया था|
पर जाना अब मैने के कदर नहीं उसे मेरे प्यार की
क्या मतलब फिर ऐसे रिश्ते ऐसा प्यार जबरन निभाने की|
बस ठान लिया अब के कोई रिश्ता नहीं रखना उससे
तड़पता था जिसके लिए,मुझे बेपनाह इश्क़ था जिससे| जबरदस्ती का प्यार...
#बेमतलबके_रिश्ते 
सोते,जागते,उठते,बैठते हरवक्त हरघड़ी
आंखों के सामने उसी का चेहरा रहता था|
चाहता था मैं हद से ज्यादा उसे
हरवक्त उसी के खयालों में खोया रहता था|
पहचान नहीं पाई कभी वो प्यार को मेरे
ना ही कभी मेरे प्यार को उसने जाना|
सोते,जागते,उठते,बैठते हरवक्त हरघड़ी
आंखों के सामने उसी का चेहरा रहता था|
चाहता था मैं हद से ज्यादा उसे
हरवक्त उसी के खयालों में खोया रहता था|
पहचान नहीं पाई कभी वो प्यार को मेरे
ना ही कभी मेरे प्यार को उसने जाना|
मैं ही था के दिलोजान से उसे अपनी मान कर
उसी से बेइंतेहा इश्क़ कर अपनी जान बनाया था|
पर जाना अब मैने के कदर नहीं उसे मेरे प्यार की
क्या मतलब फिर ऐसे रिश्ते ऐसा प्यार जबरन निभाने की|
बस ठान लिया अब के कोई रिश्ता नहीं रखना उससे
तड़पता था जिसके लिए,मुझे बेपनाह इश्क़ था जिससे| जबरदस्ती का प्यार...
#बेमतलबके_रिश्ते 
सोते,जागते,उठते,बैठते हरवक्त हरघड़ी
आंखों के सामने उसी का चेहरा रहता था|
चाहता था मैं हद से ज्यादा उसे
हरवक्त उसी के खयालों में खोया रहता था|
पहचान नहीं पाई कभी वो प्यार को मेरे
ना ही कभी मेरे प्यार को उसने जाना|