निराली है काशी अद्भुत है काशी जहाँ हर रंग की लीला है आओ चले महाशिवरात्रि बाबा की शादी जहां हर रश्म की अनोखी लीला है हल्दी मेहंदी हर रस्म निभाती काशी धूम धाम से ढोल-ढाक से शंखनाद और पुष्पवर्षा से गौना कर महादेव संग लौटी गौरा है काशी फाग की फुहार चली काशी की कुंज गलिन में उड़े गुलाल-अबीर भभूत रंगभरी एकादशी रंगोत्सव से बाबा संग होली खेलने को तैयार है काशी आओ देखे ये निराली होली जहाँ भूत -प्रेत अवघड़ संग चले है बाबा मणिकर्णिका खेलन चिता-भस्म की मसाने होली भस्म गुलाल मे रंगे झूम रहे है जहां काशीवासी अरे मर्दे ई- त बड़ा ही निराली हव काशी!! ©Akanksha Srivastava निराली है काशी अद्भुत है काशी जहाँ हर रंग की लीला है आओ चले महाशिवरात्रि बाबा की शादी जहां हर रश्म की अनोखी लीला है हल्दी मेहंदी हर रस्म निभाती काशी धूम धाम से ढोल-ढाक से शंखनाद और पुष्पवर्षा से गौना कर महादेव संग लौटी गौरा है काशी