कूट-कूट कर मक्कारियाँ ,ठूँस-ठूँस कर स्वार्थ । हित अपना सबसे बड़ा ,काहे का परमार्थ । काहे का परमार्थ-किलिष्ट हो गये नेता ! गिरगिट के भी तात हो गये ,ये अभिनेता । ©Yashpal singh gusain badal' कवित्त #sunrays